कच्ची शराब पकड़ लूट रहे वाहवाही, अंग्रेजी पकड़ने में छूट रहा पसीना, गांव -गांव, गली मोहल्ले में फैला अवैध शराब का कारोबार, शराब ठेकेदार के आगे नतमस्तक अधिकारी

Editor National news tv
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कटनी।कटनी के प्रशासनिक अमले और शहर के शराब दुकान ठेकेदारों के बीच ऐसी कौन सी अंडरस्टैण्डिंग है कि इन ठेकेदारों के तमाम धतकरम ना हीं जिला प्रशासन को नजर आता है, और ना हीं कटनी पुलिस नकेल कसती है। आबकारी विभाग की बात तो छोड़ हीं दीजिए, इन्हीं की तो सरपरस्ती में इन तमाम ठेकेदारों को अभयदान प्राप्त हुआ है। फ़िर अपने वरदान पर ये कैसे सवाल खड़े कर सकते हैं? 
चलिए भूमिका खत्म हुई, अब मुद्दे की बात पर आ जाते हैं। 
कटनी में शराब दुकान को लेकर मध्य प्रदेश शासन की आबकारी निति हासिए पर नजर आती है। यहां शराब की दुकानों में किसी तरह की रेट लिस्ट देखने को नही मिलेगी। जिनके जिम्मे रेट लिस्ट की निगरानी है वे शासन के आदेश पर दुकानों का इंस्पेक्शन करने बिना नागा रोज आते हैं, लेकिन उनकी रेट लिस्ट के बोर्ड पर कोई दिलचस्पी नही है। लिहाजा वे कागजी खानापूर्ति करने की ड्यूटी  तक हीं सीमित रहते हैं। हैरान करने वाली बात तो ये है कि इन्हीं आबकारी विभाग के अधिकारियों के सामने अधिकतम खुदरा मूल्य यानि एम. आर. पी. से ज्यादा में शराब बेची जाती है लेकिन ये चूँ से चाँ नही कर सकते क्योंकि यह बड़े पैमाने पर सेटिंग का मामला है। 

शराब जितनी ज्यादा बिकेगी मुनाफा उतना ज्यादा होगा यही वजह है कि शहर के तमाम वार्डों में अघोषित पैकारियां विभाग के शुभ आशिर्वाद से फ़ल फ़ूल रही हैं। ऐसा नही कि इनकी शिकायत नही होती। शिकायत हुई तो खानापूर्ति भी पूरी शिद्दत से कर दी जाती है ताकि प्रदेश सरकार को सनद रहे कि सब ठीक – ठाक है। 
"ना बीवी ना बच्चा ना बाप बड़ा ना मैया, दी होल थिंग इस दैट के भैया सबसे बड़ा रुपैया"......  
बस अब पुलिस के बारे में क्या हीं लिखा या कहा जाए! थोड़े को बहुत समझना ही समझदारी होती है। पुलिस भी तो इसी सिस्टम का हिस्सा है ना भाई!
मध्य प्रदेश शासन के आदेश के बाद पूरे प्रदेश की तरह कटनी में भी आहाते कागजों में बंद कर दिए गए। लेकिन नई आबकारी निति से दुकानदारों का नुकसान होना था, अब इस नुकसान की भरपाई कैसे किया जाए इसके लिए बाकायदा योजनाबद्ध तरीके से दुकानों के बाजू से नास्ते की दुकानें खुलवा दी गईं जहां वो तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं जो आहाता में हुआ करती थीं, बस फ़र्क इतना हुआ कि बंद दीवारों के अंदर का माजरा अब खुल्लेआम सड़क पर नजर आने लगा। हालांकि प्रशासनि अधिकारियों को यह सब नही दिखता है। बहरहाल जब सरेराह शराब पीने की सुविधा सुरा-प्रेमियों को हासिल हुई तो मदमस्त लोगों ने शराब का जायका बढाने के लिए आस पास से गुजर रही महिलाओं पर छींटाकशी करने का लुत्फ़ भी उठाना शुरू कर दिया। 

अब नशे में आदमी कुछ कर जाए तो क्या हीं किया जाए?  "बाकी सरकार लॉ एण्ड ऑर्डर पर पूरा ध्यान दे रही है"।

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